गढ़वा बाईपास गढ़वा वासियों के संघर्ष की एक दास्तान है : मिथिलेश ठाकुर

गढ़वा बाईपास गढ़वा वासियों के संघर्ष की एक दास्तान है : मिथिलेश ठाकुर

बाईपास के उदघाटन पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बधाई

गढ़वा : पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने एक बयान जारी कर कहा है कि गढ़वा बाईपास महज एक सड़क नहीं,यह हम गढ़वा वासियों के संघर्ष की एक दास्तान है, जो चिरंतन काल से चली आ रही थी. वर्षों तक हम सबने दमघोटू जाम, दर्दनाक दुर्घटनाएं, एंबुलेंस में दम तोड़ते मरीज, स्कूल जाते बच्चों की पीड़ा,ट्रकों की चीख को ना सिर्फ़ देखा बल्कि महसूस किया है. हर रोज की परेशानी ने इसे गढ़वा की सबसे प्राथमिक जरूरत बना दिया था. गढ़वा बाईपास का उद्घाटन किसी एक पार्टी की नहीं, किसी एक नेता की नहीं बल्कि गढ़वा की जनता की जीत है.श्री ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2019 में जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद मैंने इसे अपना संकल्प बनाया. 27 अप्रैल, 2020 को भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को विस्तृत पत्र लिखा. पत्र में न केवल गढ़वा शहर के ट्रैफिक संकट का उल्लेख था बल्कि यह भी सुझाव था कि रेहला से गढ़वा तक एनएच-75 पर एक व्यवस्थित बाईपास और जहां जरूरत हो वहां फ्लाईओवर बनाया जाए. इसके बाद श्री गडकरी ने उनके पत्र को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया.  वर्ष 2019 चुनाव से पहले इस बाईपास सड़क का शिलान्यास माननीयों के द्वारा कर दिया गया था. जबकि उस वक्त इसका ना तो वित्तीय अनुमोदन हुआ था और ना ही योजना स्वीकृत हुई थी. इसके बाद उन्होंने लगातार दिल्ली जाकर एवं पत्र लिखकर मंत्रालय और अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा. कई बैठकों में भाग लिया, प्रस्ताव की स्थिति पूछी, आगे बढ़वाया. तब जाकर योजना को स्वीकृति मिली और टेंडर होकर कार्य आरम्भ हुआ. इस कार्य में उन्हें लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन  का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा. आरंभ से ही उन्होंने कार्यकारी एजेंसी को काम की गुणवत्ता एवं इसे नियत समय में पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया तथा कार्यकारी एजेंसी को भी काम करने में कोई समस्या ना हो, इसका भी ख्याल रखा. भूमि अधिग्रहण से लेकर अन्य सभी समस्याओं का तत्काल हल ढूंढा गया. श्री ठाकुर ने कहा कि मैंने जिला प्रशासन, एनएचआई एवं एजेंसी के बीच एक ब्रिज का काम किया. फिर एक समय ऐसा आया जब बाईपास निर्माण में अचला नवाडीह कब्रिस्तान एक अड़चन बन गया और निर्माण रुक गया. जिसके बाद जनता की बात को केंद्रीय मंत्री  नितिन गडकरी तक पहुंचाने का काम मैंने किया और श्री गडकरी ने हमारी पूरी बात सुनी. आस्था और जनभावनाओं का सम्मान करते हुए समस्या के हल के लिए कब्रिस्तान पर ओवर ब्रिज बनाने पर सहमति जताई. उसी का परिणाम है कि यहां ओवर ब्रिज का निर्माण हुआ।आज जब उद्घाटन हो रहा है, तब गढ़वा की जनता और विशेष तौर पर भारत सरकार के मंत्री नितिन गडकरी एवं  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हैं.  यह सड़क सिर्फ रास्ता नहीं है बल्कि यह विकास की धारा, राहत की सांस और संघर्ष का सम्मान है.

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