हूल दिवस पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास पर शहीद सिदो-कान्हू को दी गई श्रद्धांजलि

हूल दिवस पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास पर शहीद सिदो-कान्हू को दी गई श्रद्धांजलि

सिदो-कान्हू ने 1855 में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध बगावत कर आदिवासी स्वाभिमान की नींव रखी

झारखंड सवेरा 

शहर से सटे कल्याणपुर स्थित पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के आवास पर हूल दिवस के अवसर पर एक गरिमामय एवं विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें झामुमो केे कई नेताा व कार्यकर्ता शामिल हुये. कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी क्रांति के महानायक सिदो और कान्हू मुर्मू के बलिदान को स्मरण कर उनके द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की भावना को जनमानस तक पहुंचाना था.इस अवसर पर पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हूल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि यह उन साहसी योद्धाओं की प्रेरणास्रोत गाथा है जिन्होंने 1855 में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध बगावत कर आदिवासी स्वाभिमान की नींव रखी. यह दिवस हमें बताता है कि किसी भी अन्याय के खिलाफ यदि जनसमूह एकजुट हो जाए तो कोई भी ताकत लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह सकती.श्री ठाकुर ने कहा कि आज के समय में हूल दिवस की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है, जब सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकार और समानता की लड़ाई को फिर से मजबूती से उठाने की जरूरत है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शहीदों के दिखाए रास्ते पर चलकर समाज में बदलाव लाएं. उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी से उपजे इन वीर सपूतों ने देश को यह सिखाया कि अन्याय के खिलाफ संगठित विरोध ही क्रांति की पहली सीढ़ी होती है. सिदो-कान्हू के संघर्ष को सिर्फ आदिवासी आंदोलन नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की आधारशिला कहा जाना चाहिए.

मौके पर ये थे उपस्थित

कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष शम्भू राम, जिला सचिव शरीफ अंसारी, कोषाध्यक्ष चंदन जायसवाल, उपाध्यक्ष श्रवण सिंह खरवार, पूर्व जिला अध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, वरिष्ठ नेता जवाहर पासवान, रौशन पाठक, नगर अध्यक्ष पंचम सोनी, नगर सचिव वसीम ख़ान, नगर कोषाध्यक्ष भोला केशरी, राजा सिंह, प्रियम सिंह, मयंक द्विवेदी, दिलीप गुप्ता समेत दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.

news portal development company in india
Recent Posts
error: Content is protected !!