होमियोपैथ चिकित्सा पद्धति से संभव है किडनी में पथरी का इलाज : डॉ मनोज चौबे

होमियोपैथ चिकित्सा पद्धति से संभव है किडनी में पथरी का इलाज : डॉ मनोज चौबे

झारखंड सवेरा 

गढ़वा : किडनी की पथरी (नेफ्रोलिथियासिस) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। जिससे बहुत से लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किडनी में खनिज और लवण जमा होकर छोटे या बड़े पत्थर जैसी संरचनाओं का निर्माण करते हैं। सामान्यत: इसके इलाज के लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है, लेकिन होम्योपैथी चिकित्सा इस स्थिति में बिना ऑपरेशन के समाधान का एक संभावित विकल्प प्रस्तुत करती है।शहर के चिनियां रोड स्थित होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार चौबे के होम्योपैथिक क्लिनिक ने किडनी पथरी के कई मरीजों का सफल उपचार प्रदान किया है। कई ऐसे मरीज जो लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे थे और जिन्हें सर्जरी की सलाह दी गई थी, उन्होंने होम्योपैथिक दवाओं के माध्यम से राहत पाई है। डॉ. चौबे का मानना है कि होम्योपैथिक दवाएं किडनी की पथरी को धीरे-धीरे घुलाने में मदद करती हैं, जिससे पथरी बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया के शरीर से बाहर निकल जाती है। डॉ. मनोज ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि होम्योपैथी में किडनी पथरी के लिए कई प्रभावी दवाएं मौजूद हैं, जो इस समस्या के मूल कारण को समझकर उसका इलाज करती हैं। यह चिकित्सा पद्धति मरीज के शारीरिक और मानसिक लक्षणों का विश्लेषण कर उसके आधार पर दवाओं का चयन करती है, जिससे शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को बढ़ावा मिलता है। उनका सुझाव है कि जो भी व्यक्ति किडनी की पथरी से पीड़ित हैं, उन्हें तुरंत होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, ताकि समय रहते इस समस्या का निदान हो सके। इसके अलावा, डॉ. मनोज चौबे ने इस बात पर भी जोर दिया कि किडनी पथरी की रोकथाम के लिए पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना आवश्यक है। उचित आहार और जीवनशैली में बदलाव लाकर पथरी बनने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

news portal development company in india
error: Content is protected !!