शंकर प्रताप देव इंटर कॉलेज कर्मी अपनी मांगो को लेकर 11दिनों से हैं धरना पर
झारखंड सवेरा
गढ़वा जिले के नगर ऊंटारी अनुमंडल मुख्यालय स्थित शंकर प्रताप देव इंटर कॉलेज में शासी निकाय के सचिव राज राजेंद्र प्रताप देव और कॉलेज कर्मियों के बीच जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कॉलेज कर्मी अपनी पांच सूत्री मांगो को लेकर पिछले 11 दिनों से कॉलेज गेट पर धरना दे रहे हैं. वहीं शासी निकाय के सचिव शिक्षकेतर कर्मियों को बेवजह बदनाम करने का आरोप लगा रहे हैं. इधर धरना दे रहे शिक्षकेतर कर्मियों ने नगर ऊंटारी के एसडीओ को सोमवार को एक आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उपरोक्त विषय पर निवेदन है कि हम सभी महाविद्यालयकर्मियों के धरने का 11वां दिन है. उन्होंने कहा है कि श्रीमान के निर्देश एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के शासी निकाय की बैठक कराकर हमारी लंबित मांगों पर कार्रवाई के पत्र के आलोक में शासी निकाय के सचिव राज राजेंद्र प्रताप देव द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई है. उनकी उदासीनता के कारण महाविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मी दीनानाथ पांडेय, जो स्वाइन फ्लू के कारण रांची में वेंटिलेटर पर हैं उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जा सकी है. एसडीओ को दिये आवेदन में कर्मियों ने कहा है कि उपर्युक्त मामले के आलोक में शीघ्र कार्रवाई की जाय. आवेदन देनेवालों में शिक्षक प्रतिनिधि दिनेश कुमार सिंह, शिक्षक पूजा सिंह, मदन सिंह, विवेक विभूति, पंकज कुमार चतुर्वेदी,राजू प्रसाद, निखिल रंजन, अंजू सिंह, विक्रम ज्योति, मनीष कुमार सिंह, विद्या कुमारी, अश्वनी कुमार चौबे, सुनील कुमार मेहता, विक्की कुमार गुप्ता, विजय ठाकुर, रेखा देवी, गंगेश्वर राम, उदय राम, उपेंद्र कुमार, ज्योति सिंह असादि का नाम शामिल है.
क्या है कॉलेज कर्मियों की मांग
इनकी मांगो में कृष्णा जायसवाल वर्षों से डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्य कर रहा है। इण्टर में उसे मनमाने तरीके से बिना शासी निकाय की सूचना और अनुमती के लाया गया है, जिसे तत्काल हटाने, नियमानुसार महाविद्यालय के वरीय शिक्षकों में से वरीयता क्रम में किसी को प्रभारी प्राचार्य बनाने, वित्तीय वर्ष 2023-2024 देतु प्राप्त आंशिक (73 प्रतिशत) अनुदान का शीघ्र वितरण कराने, राजू प्रसाद राज एवं मदन सिंह का लम्बित गत जनवरी माह से वेतन का भुगतान करने एवं महाविद्यालय के कमरा संख्या 01 से कृष्णा जायसवाल द्वारा डिग्री कॉलेज के कार्यालय हेतु किये गए कब्जा को हटाने की मांग शामिल है.