भाकपा माले के महासचिव दीपांकर ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर भाजपा को घेरा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य की प्रेसवार्ता
झारखंड सवेरा
गढ़वा : गढ़वा में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टीपर मंदिर-मस्जिद विवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मंदिर निर्माण का आदेश इसलिए दिया था ताकि वर्षों से चले आ रहे हिंदू-मुस्लिम विवाद को समाप्त किया जा सके। लेकिन भाजपा इस विवाद को हर जगह हवा देने में लगी है।दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का विवाद सुलझ जाने के बाद अब इसे बार-बार उठाने का क्या औचित्य है? जगह-जगह खुदाई कराकर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, जिससे देशवासियों को कोई लाभ नहीं होगा। इसके विपरीत यह विवाद और बढ़ेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को मंदिर-मस्जिद के मुद्दों से हटकर रोजी-रोटी और विकास जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
संविधान और आंबेडकर के अपमान का विरोध
दीपंकर भट्टाचार्य ने संसद में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने इसे देश और संविधान का अपमान बताया और कहा कि संविधान को बचाने और डॉ. आंबेडकर के अपमान के खिलाफ आंदोलन देशभर में जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हम जनता को जागरूक करेंगे और उनके साथ मिलकर इस अपमान का जवाब देंगे।”उन्होंने बताया कि आगामी 24, 25 और 26 फरवरी को दिल्ली में विभिन्न मजदूर संगठनों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें बड़ी संख्या में मजदूर अपने अधिकारों के लिए शामिल होंगे और संविधान बचाने के इस आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा।दीपंकर भट्टाचार्य ने अंत में कहा कि बलिदानियों ने आजादी इसलिए दिलाई थी ताकि देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ सके। लेकिन आज उस आजादी को कमजोर करने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं, जिनका पुरजोर विरोध जरूरी है।
स्थानीय नेताओं की उपस्थिति
पत्रकार वार्ता में पार्टी के अन्य नेता, जिनमें कालीचरण मेहता, सुषमा मेहता, राहुल जायसवाल और कई अन्य उपस्थित थे। उन्होंने भी भाजपा माले के महासचिव के विचारों का समर्थन किया और आंदोलन को और तेज करने काआह्वान किया।