अयोध्या के बाद गढ़वा रामलाला मंदिर में मानस मंडली का भव्य सुंदरकांड का आयोजन
झारखंड सवेरा
गढ़वा : आध्यात्मिक शक्ति ही किसी भी श्रेष्ठ कार्य का आधार माना जाता है. प्राणियों में आध्यात्मिक गुणों के प्रसार को ही कलियुग के दुष्कर्मों से निजात का सशक्त माध्यम माना गया है. लेकिन कलियुग इस प्रभावकारी कार्य को पूरा करने में बड़ा रोड़ा उत्पन्न करता है. इस बाधा को दूर कर जन-जन में अध्यात्म का न सिर्फ बीजारोपण करने बल्कि उसके जरिए रामराज्य की स्थापना को साकार करने का महान कार्य गढ़वा में स्थापित सुंदरकांड मानस मंडली कर रही है. इसके तहत प्रत्येक मंगलवार को मंदिरों, धार्मिक स्थलों और सनातनी के घरों में अनवरत संगीतमय सुंदर का वाचन किया जाता है. हिंदू वांग्मय के अनुसार सुंदरकाण्ड का पाठ जहां होता है वहां आध्यात्मिक शक्तियां सक्रिय हो जाती है. और वहां सभी तरह की दुष्ट प्रवृतियों और नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है.गढ़वा की मानस मंडली ने 30 जुलाई को श्री अयोध्या धाम में श्री रामल्ला जी के सम्मुख 500 वां और उसके बाद गढ़वा के श्री रामलला के सम्मुख 501 वां सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया. इस सुंदर, सौम्य और भव्य आयोजन में चार चांद तब लग गया जब इंद्रदेव भी सुंदरकांड के संगीत की धुन से थिरक उठे. पाठ के प्रारंभ और समापन के मौके पर भगवान की आरती की गई.
मौके पर ये थे उपस्थित
इस मौके पर मुख्य मानस व्यास अरुण दुबे, मानस मंडली संयोजक द्वारिका नाथ पांडेय, अशोक पटवा, ब्रजेश पांडेय, आत्मा पांडेय, अमरेंद्र मिश्र, श्रवण शुक्ल, बनारसी पांडेय, रासबिहारी तिवारी, सुबोध सोनी, शेखर सिन्हा, अरविंद तिवारी, रमन केशरी, हर्ष अग्रवाल, मुकेश पांडेय, अशोक सिंह, रघुपत सिंह, मार्कंडेय तिवारी, चंद्रशेखर दुबे सहित डालटनगंज से कई मानस विभूतिगण और महिला मंडली की सदस्या उपस्थित थीं। वहीं मंदिर समिति के अध्यक्ष अलखनाथ पांडेय, उपाध्यक्ष सुदर्शन सिंह, मनोज केशरी, सचिव धनंजय सिंह, कोषाध्यक्ष धनंजय गोंड उर्फ डबल जी, कार्यालय मंत्री धनंजय ठाकुर, किशोर सिंह, राजीव रंजन अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, मनोज कुमार, अमित पाठक, राजन कुमार, शंकर माली सहित कई सदस्य उपस्थित थे.