अलकतरा घोटाला के मास्टरमाइंड थे पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी :  झामुमो

अलकतरा घोटाला के मास्टरमाइंड थे पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी :  झामुमो

झारखंड सवेरा 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने होटल पद्मावती में प्रेसवार्ता आयोजित कर पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं! केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे ने कहा कि पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी अपने 10 साल के कार्यकाल में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र और यहां की जनता के लिए नकारा साबित हुए हैं! विकास कार्यों के बजाय वह सत्ता सुख भोगने तथा जनता की गाढ़ी कमाई दोहन करने में मशगूल रहे! सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना तो दूर बल्कि विधायक निधि की 50 करोड़ की राशि को भी चेक स्लिप के माध्यम से खाने-पकाने का काम किया! वर्तमान में पूरे गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों पर पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी योजनाओं को लेकर झूठी टिप्पणी तथा मसखरी करते फिर रहे हैं जबकि विगत दिनों ही माननीय न्यायालय के द्वारा उनकी कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन जिसमें वह निर्देशक के पद पर थे उसको अलकतरा घोटाले में दोषी पाया है। पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी 1999 से लेकर 2015 तक कलावती कंस्ट्रक्शन के निदेशक रहे थे, 2009 में विधायक बनने के बाद भी वह कंपनी में लाभ के पद पर आसीन रहे! जब उनकी कंपनी पर अलकतरा घोटाला का आरोप लगा और इस मामले में पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को जेल जाना पड़ा तो खुद को बचाने के लिए उन्होेंने अपने ही रिश्तेदार को कंपनी का निर्देशक बनाकर सारा दोष उनपर मढ़ दिया! जो व्यक्ति अपने स्वार्थ में परिवार का नहीं हुआ, 10 साल विधायक रहते हुए क्षेत्र और जनता का नहीं हुआ उससे भविष्य में किसी तरह का उम्मीद करना ही बेकार है। 2014 के विधानसभा चुनाव में अलकतरा घोटाला केस से बचने के लिए भाजपा में शामिल हो गए तथा घोटाला का आरोप लगने और 2 वर्ष जेल काटने के बाद माननीय न्यायालय में यह हलफनामा देते हैं कि उन्होंने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था! परंतु डेढ़ दशक तक कंपनी के निदेशक पद पर रहने के बाद आरोप लगाते ही क्यों इस्तीफा दे दिए इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दिया!2009 से 2015 तक विधायक रहते हुए अपने ही कंपनी में पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी लाभ के पद पर बने रहे तथा सरकारी ठेकों में उनकी कंपनी काम करते रही, इसके विरुद्ध झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी। जमीन दलाल, बालू माफिया और अपराधियों से घिरे रहने वाले पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के कार्यकाल में चिनिया तथा फरठिया मोड़ पर अवैध क्रशर प्लांट संचालित होता था! बेलचांपा आदि घाटों से सैकड़ो की संख्या में बालू ट्रक उत्तर प्रदेश भेजा जाता था। हत्या, लूट और रंगदारी जैसी घटना चरम सीमा पर थी! भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया जाता था! आज इन सभी घटनाओं पर रोक लगने के कारण पूर्व विधायक के खेमे में बौखलाहट साफ नजर आती है। प्रेसवार्ता में शिक्षा प्रतिनिधि अशर्फ़ी राम, गढ़वा प्रमुख फैजूल अंसारी, नवादा मुखिया सुरेंद्र यादव मौजूद थे।

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