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दुद्धी/सोनभद्र : कोन के ग्राम मिटिहिनिया में प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामीणों के आवास की जिओ टैंगिंग के नाम रोजगार सेवकों ने वसूला लाखों। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि ऑफिस में पैसे नही दिए गए तो आवास कैंसिल हो जाएगा । जिसके वजह से गरीब जनता डर और भय से मुँहमाँगा सुविधा शुल्क दबाव और आवास कैंसिल न हो इस वजह से चाहे कर्ज लेकर दे या जैसे भी दिया। शिकायत कर्ताओ ने लक्ष्य जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष से शपथपत्र देकर बताया कि हम सभी को डरवा कर पैसे वसूले गए और कहां जिन लोगों के आवास की नींव तक नही भरी गयी है उन सभी को कोई दिक्कत नही है। कुछ ऐसे भी आवास धारक है। जिनका आवास के सारे पैसे निकाल लिए गए और आवास बना तक नही। लक्ष्य जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ने ग्रामीणों को आस्वाशन दिया कि आप सभी के प्रति न्याय दिलाने का कार्य संस्था द्वारा किया जाएगा। यदि विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही होती है तो न्यायालय से न्याय दिलाने का कार्य करेंगे। गांव में मिले लगभग 15 वर्ष के अंतराल में आवास की जांच कराई जाएगी। लक्ष्य जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को पत्रक के माध्यम से अवगत कराया है कि बिकास खंड – कोन के ग्राम मिटिहिनिया में 2005 से अब तक मिले आवास का निष्पक्ष जांच कराया जाय। जिससे किसी ग्रामीणों को माननीय प्रधान मंत्री के द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले आवास का दुरुपयोग न हो सके। और उसका भरपूर लाभ समुचित मिलें। इस सम्बंध में लक्ष्य जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष से वार्ता में ग्राम प्रधान मिटिहिनिया ने बताया कि ग्रामीणों से धन उगाही का मामला चल रहा है। यहां ग्रामीणों से पैसा वसूला गया है। जबकि पूर्व में भी मिलें आवास में ऐसी वसूली की घटनाये घट चुकी है। जिसके सम्बन्ध में ग्रामीण जानते है। यह रोजगार सेवक द्वारा किया गया कार्य नया नही है। हमने प्रेस नोट के माध्यम से जनहित को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया में गजट कराने का प्रयास किया है। जिससे निष्पक्ष जाँच हो सके। वहीं दूसरी ओर लालबिजौरा निवासी विद्यानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए ग्राम पंचायत मिटिहिनिया के ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि प्राथमिक विद्यालय में टाईल्स, चहारदीवारी निर्माण में मजदूरों को मजदूरी नहीं दी गयी व ग्राम प्रधान द्वारा अपने खाते में धन हजम कर लिया गया जिसके जाँच के क्रम में जाँचधिकारी द्वारा सही पाया गया व तत्काल मजदूरी भुगतान करने का आदेश दिया गया था। इस संबंध में एक सवाल के जबाब में ग्राम प्रधान ने बताया कि मेरे द्वारा सभी मजदूरों को मजदूरी नगद कैश के माध्यम से कर दिया गया जिससे संबंधित मजदूरों से शपथ पत्र के माध्यम से ले लिया गया है व भुगतान से संबंधित पेपर संबंधित अधिकारी को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारी को प्रेषित कर दिया गया है साथ ही उन्होनें माननीय जिलाधिकारी महोदय व संबंधित अधिकारी से निष्पक्ष जाँच की मांग की है।