वर्तमान समय में डिजिटल कार्य में दक्ष होना ही वास्तविक साक्षरता है : मदन केसरी

वर्तमान समय में डिजिटल कार्य में दक्ष होना ही वास्तविक साक्षरता है : मदन केसरी

झारखंड सवेरा 

स्थानीय जीएन कॉन्वेंट स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक सह शिक्षाविद एमपी केशरी उपप्राचार्य वसंत ठाकुर द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं विद्या की देवी माता सरस्वती जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया।इस मौके पर बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के निदेशक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। विश्व संस्था यूनेस्को द्वारा 1966 में निरक्षरता को समाप्त करने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस सन 1967 में मनाया गया था। साक्षरता का तात्पर्य है पढ़ना, लिखना और समझना। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों, समुदाय और समाज में साक्षरता के महत्व को बढ़ाना है। जब देश के सभी नागरिक साक्षर होंगे तभी देश का और समाज का विकास संभव है। व्यक्ति का विकास भी उसके साक्षर होने पर ही है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष नए थीम के साथ मनाया जाता है, जिससे लोंगो के बीच साक्षर होने की ललक हो, क्योंकि साक्षरता प्रकाश के समान है जबकि निरक्षरता अंधकार का परिचायक है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष एक नई थीम पर आधारित होता है इस वर्ष इस दिवस का थीम है “डिजिटल साक्षरता” विश्व में आज करोड़ों लोग हैं जो डिजिटल साक्षरता के दृष्टिकोण से निरक्षर हैं जबकि वर्तमान समय कंप्यूटर का समय है इसका परिणाम यह है कि कदम- कदम पर विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिन देशों में डिजिटल साक्षरता कम है वह देश अभी भी पीछे है।अतः यदि देश आर्थिक रूप से विकसित होना चाहता है तो वहां के नागरिकों को डिजिटल की जानकारी होना अति आवश्यक है

देश की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए हर एक व्यक्ति को शिक्षित एवं साक्षर होना अनिवार्य है और वो भी डिजिटल क्योंकि वर्तमान समय कंप्यूटर युग है। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता,पेंटिंग प्रतियोगिता तथा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। चयनित छात्र- छात्राओं को निदेशक द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक वीरेंद्र शाह,खुर्शीद आलम,कृष्ण कुमार, विकास कुमार,मुकेश भारती, अभय कुमार, नीरा शर्मा,नीलम कुमारी, Ifsc प्रकाश,शिवानी कुमारी, सुनीता कुमारी,चंदा कुमारी, रागिनी कुमारी आदि की भूमिका सराहनीय रही।

news portal development company in india
error: Content is protected !!