तबेला बन गया लाखों रुपए से निर्मित परसवान उपस्वास्थ्य केन्द्र
रमना से उमेश कुमार की रिपोर्ट
रमना : प्रखंड अनर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल ऐसा है की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी सीएचओ के सहारे चल रहा है। साथ ही प्रखंड के वेलनेस एंड हेल्थ सेंटर में पदस्थापित चिकित्सा कर्मी को दिया लेकर खोजने पर भी शायद ही मिल जाये।इन सभी से भी अजूबा कार्य बहियार खुर्द पंचायत परसवान ग्राम में पॉवर हाउस के पीछे लाखों की लागत से बने उपस्वास्थ्य केंद्र की है। इस केंद्र की निर्माण हुए करीब पांच वर्ष हो गये लेकिन इस केंद्र में आज तक कोई चिकित्सा कर्मी गये ही नहीं। लाखों रुपए की लागत से बना यह भवन आज वीरान पड़ा है। ग्रामीण इस भवन को बैल बकरी को गर्मी बरसात और ठण्ड से बचाने के लिए मार्बल टाइल्स लगे भवन का उपयोग करते है। जिस भवन को जन स्वास्थ्य सेवा के लिए उपयोग होना था वह तबेला बन गया है।ऐसी स्थिति में मौलिक अधिकार का खुलेआम हनन हो रहा है।संविधान में जनता के लिए छः मौलिक अधिकारों का उल्लेख है जिसमें छठा मौलिक अधिकार संवैधानिक उपचारो का अधिकार है जिसमें भारतीय जनता के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धित कोई बेवस्था शामिल नहीं इस मौलिक अधिकार का हृदय और आत्मा माना जाता। आज इसकी स्थिति इतनी भयावह कैसे हो गयी की चार करोड़ की लागत से बना भवन चिकित्साकर्मी विहीन है।इस सम्बन्ध में ग्रामीण गुलाम रसूल बताये की आज से चार पांच वर्ष पूर्व में इस उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य हुआ था, लेकिन पता नहीं किस कारण से आज तक इसमें स्वाथ्य कर्मी नहीं आये और स्वास्थ्य सुविधा इस पंचायत में बहाल नहीं हुआ आज भी इस पंचायत के लोग कोसो दुरी तय कर स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्या से निजात पाते है।समाज सेवी कुलदीप पासवान बताये की उपस्वाथ्य केंद्र तो बन कर तैयार वर्षो पहले ही हो चूका है आज इसकी स्थिति बद से बदतर हो गया है लेकिन आज भी इस पंचायत के ग्रामीणों को दूसरे पंचायत में सरकारी चिकित्सा सुविधा के लिए जाना पड़ता है।इस उपस्वाथ्य भवन का शिलान्यास वर्तमान विधायक भानु प्रताप शाही के द्वारा किया गया था, भवन तो बन गया लेकिन स्वाथ्य सुविधा बहाल नहीं हो पाया।
भवन हैंड ओवर नहीं किया गया है : डॉ सुचित्रा
इस सम्बन्ध में अनुमंडलिय चिकित्सापदाधिकारी सुचित्रा कुमारी ने बताया कि इस भवन के संवेदक द्वारा उन्हें भवन हैंड ओवर नहीं किया गया है।