पूर्वांचल राज्य बना तो शिक्षा, रोजगार और किसानों की तरक्की का खुलेगा रास्ता : पवन सिंह
ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र (उपेन्द्र तिवारी)
सोनभद्र/उत्तर प्रदेश: अलग पूर्वाचल राज्य की मांग कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा द्वारा तहसील परिसर, रॉबर्ट्सगंज में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन सोनभद्र के पूर्व महामंत्री वी. पी. सिंह अधिवक्ता की अध्यक्षता में की, अध्यक्षता में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने पर विचार विमर्श हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव अधिवक्ता पवन कुमार सिंह ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी और रसूख वाले राज्य को आज तक पिछड़ेपन से क्यों नहीं उबारा जा सका इस बात को लेकर यहां की जनता हमेशा चिंतित रहती है। हालांकि पूर्वांचल को अलग राज्य बनाये जाने की मांग को लेकर कई संगठनों ने आवाज उठाई है। खेती किसानी, शिक्षा, धर्म संस्कृति और खनिज संपदाओं से भरपूर पूर्वांचल विकास की दौर में बहुत पीछे छूट गया है। पूर्वांचल प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्र में से एक है। प्रदेश का ये हिस्सा कला, संस्कृति और वैभवशाली इतिहास को धारण किये हुए है इसके बावजूद भी यहां के नागरिक बुनियादी सुविधाओं की कमी, उचित ग्रामीण शिक्षा और रोजगार, कानून व्य़वस्था की बिगड़ी हालत समेत तमाम समस्याओं से रोज जूझते हैं। इसके बाद भी पूर्वांचल को हमेशा नजर अंदाज किया गया। उत्तर प्रदेश कि बढ़ती आबादी को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश का बंटवारा हो जाना चाहिए ताकि समुचित तरीके से प्रदेश का विकास हो सके। राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप जयसवाल ने कहा कि पूर्वांचल राज्य बनना वक्त की जरूरत है। इसे बनने में जितनी देरी होगी राज्य उतना पीछे होगा। प्रदेश अब बोझ हो रहा है। न जनता के वादे पूरे हो पाते हैं और नहीं विकास का गति मिल पा रही है। इसलिए पूर्वांचल राज्य की मांग का स्वागत होना चाहिए। इस अवसर पर काकू सिंह, संजय देव पांडेय, सत्यम शुक्ला अधिवक्ता, अनिल सिंह अधिवक्ता, संतोष चतुर्वेदी, अशोक कनौजिया अधिवक्ता, चंदन विश्वकर्मा अधिवक्ता, दीपनारायण पटेल, नवीन कुमार पांडेय आदि लोग प्रदर्शन में सम्मिलित थे।