जीएन कॉन्वेंट प्लस टू स्कूल में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन
झारखंड सवेरा
गढ़वा : जीएन कॉन्वेंट प्लस टू स्कूल में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के निदेशक मदन केसरी और छोटे बच्चों द्वारा विद्यालय प्रांगण में पौधारोपण से हुआ।निदेशक मदन केसरी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण का उद्देश्य वायु, जल, भूमि, और पारिस्थितिकी तंत्र की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना है। हाल के दशकों में मानवीय दबावों के कारण पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। वृक्षारोपण ग्लोबल वार्मिंग और मृदा अपरदन जैसी समस्याओं को कम करके पर्यावरण की रक्षा में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्यों के साथ-साथ अन्य जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का भी पर्यावरण में महत्वपूर्ण स्थान है। ऑक्सीजन, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, हमें पेड़-पौधों से ही मिलती है।निदेशक ने बताया कि वैज्ञानिक गतिविधियों और औद्योगीकरण तथा शहरीकरण के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या भी पर्यावरण संकट को और गहरा रही है। हाल के दशकों में मानवीय गतिविधियों के कारण ओजोन परत का क्षरण, जो पर्यावरण असंतुलन का बड़ा कारण है, एक गंभीर समस्या बन गया है।कार्यक्रम को सफल बनाने में उपप्राचार्य बसंत ठाकुर, शिक्षक वीरेंद्र साह, मुकेश भारती, अभिषेक पांडेय, नीरज शर्मा, रिजवाना शाहीन, सरिता दुबे, नीलम कुमारी, सुनीता कुमारी, शिवानी कुमारी, और संतोष प्रसाद की भूमिका सराहनीय रही।इस कार्यक्रम के अंतर्गत पेंटिंग प्रतियोगिता, पर्यावरण संरक्षण पर भाषण प्रतियोगिता, जागरूकता अभियान, स्लोगन और काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान पर निशा केशरी (क्लास 6), द्वितीय स्थान पर हिमांशु कुमार (क्लास 5), और तृतीय स्थान पर अनुष्का कुमारी (क्लास 5) रहीं। सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान पर स्मृति भाग्यश्री (क्लास 9), द्वितीय स्थान पर रीति शर्मा (क्लास 9) और अमृतेश राज (क्लास 10), एवं आर्या पांडेय (क्लास 10) रहीं। स्पेशल अवार्ड आदित्य प्रकाश (क्लास 10) को प्रदान किया गया।कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकवृंद को एक-एक पौधा प्रदान किया गया, जिससे वे भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकें। बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता दिखाई और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझा।