सरदार पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित
झारखंड सवेरा यूपी
(दुद्धी) सोनभद्र. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनकारियों में देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की भलाई के लिए कई आंदोलनों में भाग लेकर देश के नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे मे जानकारी दिया । गुजरात के नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बाँध के सामने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनी हुई है जो सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को समर्पित हैं। विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है जिसे 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल को समर्पित किया गया जो देश के इतिहास में उनके द्वारा राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने के योगदान के प्रति समर्पण को दर्शाता हैं।
मां गायत्री पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुद्धी के प्रांगण में उनकी 150 वीं जयंती पूर्व संध्या पर मनाया गया। विद्यालय के छात्र छात्राओं ने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर और पदयात्रा निकाल कर उनके समर्पण को याद किया और नारे भी लगाए।उसके पश्चात विद्यालय के प्रबन्धक और अध्यापक गणों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन किया ।छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्रबन्धक सुरेन्द्र अग्रहरि ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के साथ ही पाकिस्तान का विभाजन और देश की छोटी बड़ी रियासतें भी स्वतंत्र होकर अलग होने की कोशिश कर रही थी जिसे देश के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल जी ने रियासतों को एकता के सूत्र में पिरो कर अखण्ड भारत का निर्माण किया। झवेर भाई पटेल और लाडवा पटेल की चौथी सन्तान के रूप मे जन्मे बल्लभ भाई पटेल ने हमेशा ब्रिटिश सरकार और इसके कठोर कानूनों का विरोध किया। महात्मा गांधी के विचार धाराओं और सरकार के प्रति घृणा ने उन्हे आजादी के लिए भारतीय संघर्ष में गोता लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों से करो का भुगतान करने के लिए मन किया क्योंकि सरकार ने खेड़ा बाढ के बाद उनसे करो की माँग की थी।उनके पास अच्छे नेतृत्व के गुण थे, उन्होंने कई आंदोलनों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था इसलिए उन्हें सरदार की उपाधि से नवाजा गया। 1991में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नवनीत यादव,सिकन्दर, सनाउल्लाह, इंद्रावती, प्रिया, शब्बा अध्यापक,अध्यापिकाएं और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।







