स्थानीय मल्टी परपज हॉल में गुरुवार को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया गया।

स्थानीय मल्टी परपज हॉल में गुरुवार को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया गया।

झारखंड सवेरा यूपी 

दुद्धी/सोनभद्र।स्थानीय मल्टी परपज हॉल में गुरुवार को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यमंत्री संजीव गौड़, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल एवं सीडीओ जागृति अवस्थी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएमओ डॉ अश्वनी कुमार ने कहा कि सिकल सेल रोग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, ये रक्त को प्रभावित करने वाली बीमारी है। इस रोग के कारण रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन का स्तर प्रभावित होने लगता है। सिकल सेल रोग (एससीडी) सबसे आम वंशानुगत रक्त विकार है। रक्त वाहिकाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा महत्वपूर्ण है, इसी की मदद से आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है।

 

एससीडी के शिकार लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।

 

विश्व सिकेल सेल दिवस जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीडीओ जागृति अवस्थी ने कहा कि सिकल सेल रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है।इस रोग के बारे में जानकारी होना सभी के लिए जरूरी है।उन्होंने कहा कि समय -समय पर इसकी जाँच कराते रहना चाहिए, उन्होंने कहा कि शादी से पहले भी लड़का -लड़की दोनों को सिकल सेल की जाँच करानी चाहिए।सिकल सेल बीमारी के कारण रक्त कोशिका के आकार अर्धचंद्राकार में बदल जाता है और ये कोशिकाओं को कठोर बना देता है। इसके अतिरिक्त, सिकल के आकार की कोशिकाएं सामान्य आकार की लाल रक्त कोशिकाओं की तरह लंबे समय तक नहीं टिक पाती हैं, जिससे रोगी में लाल रक्त कोशिकाओं की निरंतर कमी बनी रहती है। इस दौरान दर्जनों लोगों को सिकल सेल एनीमिया का कार्ड वितरण किया।

 

2047 तक राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य- राज्य मंत्री

 

समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गौड़ ने कहा कि सिकल सेल रोग के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 भाषण के दौरान साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जुलाई 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की थी। जिसका आज तीसरा वर्षगांठ मनाया जा रहा हैं।

सिकल सेल रोग से बचाव और उपचार-

सिकल सेल रोग को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह एक आनुवंशिक स्थिति है। यदि आप गर्भवती हैं आनुवंशिक परीक्षण के माध्यम से इसके खतरे का पता लगाने में मदद मिल सकती है। जिन बच्चों में इस रोग का निदान किया जाता है उन्हें उपचार के तौर पर दवाओं के साथ ब्लड ट्रांसफ्यूजन,बोन मैरो ट्रांसप्लांट और जीन थेरेपी की जरूरत हो सकती है।इस मौके पर सीडीओ जागृति अवस्थी,भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अश्वनी कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुलाब शंकर यादव,चेयरमैन कमलेश मोहन,मंडल अध्यक्ष दीपक शाह, डॉ शाह आलम सहित अन्य मौजूद रहें।कार्यक्रम का संचालन डॉ गौरव सिंह ने किया।

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